लखनऊ रेजीडेंसी का इतिहास (residency Lucknow History in Hindi) आज के समय में बहुत मायने रखता है, इसको हम बलिदानों का महल भी कह सकते हैं। इस ब्लॉगपोस्ट के जरिये हम रेजीडेंसी पार्क लखनऊ के इतिहास के बारे में जानेंगे।
Table of Contents
- 1 लखनऊ रेजीडेंसी (Residency lucknow history in hindi)
- 2 लखनऊ रेजीडेंसी का परिचय|Residency lucknow history in hindi
- 3 लखनऊ रेजीडेंसी का निर्माण और उद्देश्य
- 4 लखनऊ की घेराबंदी
- 5 परिणाम और पुनर्स्थापना
- 6 वास्तुशिल्प का महत्व
- 7 वर्तमान समय में रेजीडेंसी पार्क का महत्व व स्थिति
- 8 समय और टिकट दर (Lucknow residency timing and ticket price)
- 9 निष्कर्ष
- 10 कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर|FAQ
लखनऊ रेजीडेंसी (Residency lucknow history in hindi)
यह एक ऐतिहासिक इमारत है जिसकी नींव नवाब आसफुद्दौला ने अपने शासनकाल के दौरान सन 1780 में रखी थीं। जिसके बाद सन 1800 में लखनऊ के नवाब सहादत अली के कार्यकाल में बनकर तैयार हुई थी। जिसके बाद मई 1857 में प्रथम स्वंत्रता संग्राम के दौरान इसे विद्रोही भारतीय सैनिकों द्वारा घेरा गया। और इस घेराबंदी में इमारत पर काफी गोलाबारी हुई जिसमें बहुत सारे सैनिकों की मौत भी हुई और उस घेराबंदी के बाद यह ईमारत जर्जर हो गयी।
लखनऊ रेजीडेंसी का परिचय|Residency lucknow history in hindi
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कैसरबाग बस स्टॉप के पास स्थित रेजीडेंसी पार्क बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है, जो शहर की समृद्ध सांस्कृतिक, स्थापत्य विरासत और आज़ादी के दौरान हुई लड़ाई का प्रमाण है।
इसको लखनऊ के नवाबों के द्वारा बनाया गया था। बाद में ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान ब्रिटिशों का राज रहा, जिसके जरिये वो यहां अपने आला अधिकारियों को रखकर लखनऊ की कमान सभांलते थे। और यह भारत में हुई स्वतंत्रता संग्राम की कुछ सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है।
लखनऊ रेजीडेंसी का निर्माण और उद्देश्य
कोलकाता कौंसिल के सदस्य रहे शोर साहब का कहना था कि – ब्रिटिश सरकार यहां पर रेजीडेन्ट इसलिए नियुक्त करती थी ताकि कि वह यहां की सुख, शान्ति और खुशहाली को खत्म कर सकें।
रेजीडेंसी पार्क, जिसे पहले लखनऊ रेजीडेंसी के नाम से जाना जाता था, जिसका निर्माण सन 1800 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था।
इसका निर्माण ब्रिटिश रेजिडेंट जनरल के आधिकारिक निवास के लिए किया गया था, जो अवध(लखनऊ) क्षेत्र में ब्रिटिश क्राउन के राजनीतिक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते थे।
लखनऊ की घेराबंदी
1857 में भारतीय विद्रोह के दौरान लखनऊ की घेराबंदी हुई थी। जोकि लगभग 147 दिनों तक विद्रोही बलों द्वारा घेरा गया था।
जिससे यह रेजीडेंसी ईमारत एक महत्वपूर्ण युद्ध का मैदान बन गया। इस घेराबंदी में दोनों पक्षों को काफी ज्यादा कठिनाइयां हुई और बहुत लोगों की मौत हुई थी।
लेकिन ब्रिटिश सैनिको ने बिना हार मानें, विद्रोहियों से लड़कर और डटकर रेजीडेंसी की सफलतापूर्वक रक्षा की।

परिणाम और पुनर्स्थापना
घेराबंदी हटने के बाद,लखनऊ रेजीडेंसी बिलकुल छतिग्रस्त हो गया, इसे बाद में संजोए रखने के लिए धरोहर के रूप में पार्क बना दिया गया, जोकि वर्तमान में रेजीडेंसी पार्क(residency park lucknow) के नाम से जाना जाता है।
रेजीडेंसी पार्क में कई इमारतों के प्राचीन खंडहर हैं। जोकि अपनी दुखद कहानी समेंटे हुए हैं। रेजीडेंसी पार्क में स्थित परिसरों के अलग-अलग नाम रखे गए हैं। जैसे कि सागो हाउस, डॉ. फेयरर हाउस, एंडरसन पोस्ट, ब्रिगेड मेट्स, रेडन बैटरी और कानपुर बैटरी जिनके खंडहर आज भी मौजूद हैं। यहां की क्षतिग्रस्त दीवारों पर तोप और बंदूक की गोलियों के निशान हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की परीक्षा, बलिदान और साहस का सबूत हैं।
यहां के खंडहरों को भी एक पार्क में बदला गया है, जो विद्रोह के दौरान लड़ने वाले बहादुर व्यक्तियों के स्मारक के रूप में खड़ा है।
यहां पर एक कब्रिस्तान भी है जिसे उस लड़ाई में शहीद हुए लोगो की समाधि के लिए बनाया गया है।
वास्तुशिल्प का महत्व
इस परिसर में कई भव्य इमारतें हैं, जिनमें रेजीडेंसी के खण्डहर, ट्रेज़री, बैंक्वेट हॉल और बेगम कोठी शामिल हैं, जो कभी अवध की बेगम के निवास के रूप में काम करती थीं।
इसमें आपको ब्रिटिश, मुग़ल और अवधी डिज़ाइन देखने को मिलते हैं। ये डिज़ाइन गुज़रे हुए युग की महिमा और समृद्धि को दर्शाते हैं।
वर्तमान समय में रेजीडेंसी पार्क का महत्व व स्थिति
आज, रेजीडेंसी पार्क लखनऊ का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। जोकि शोरगुल भरे शहर के बीच शांत स्थल भी है। आप यहां आकर शांत बगीचों का आनंद उठा सकते हैं, रास्तों पर टहल सकते हैं। यहां बनी इमारतों की आकर्षक डिज़ाइन देख सकतें हैं। जो अब काफ़ी जर्जर पड़ी हुयी हैं।
जानकारीपूर्ण लेख और डिस्प्ले के माध्यम से रेजीडेंसी पार्क के इतिहास और महत्व के बारे में जान सकते हैं। यह पार्क आपको अतीत की झलक दिखाता है, पुरानी यादों को जगाता है और उन यादों से जुड़ाने का एहसास दिलाता है।
समय और टिकट दर (Lucknow residency timing and ticket price)
अगर आप लखनऊ रेजीडेंसी पार्क जाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए विवरण को देखें।
समय | प्रातः 7 बजे से शाम 6 बजे तक |
दिन | मंगलवार से रविवार (सोमवार को बंद) |
भारतीय पर्यटक | 15 रू प्रति पर्सन |
विदेशी पर्यटक (संयुक्त टिकट) | 200 रू प्रति पर्सन |
पार्किंग | रेजीडेंसी पार्क के ठीक पास में |
आस -पास | कैसरबाग बस स्टॉप |
पता | रेजीडेंसी पार्क, कैसरबाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश पिनकोड 226001 |
फ़ोन नंबर | 05222 328220 |
निष्कर्ष
लखनऊ में स्थित रेजीडेंसी पार्क सिर्फ़ एक सुंदर हरियाली भरा स्थान नहीं है; यह स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले लोगों के संघर्ष और सहायक का प्रमाण है।
इतिहास और डिजाइन की महिमा से युक्त, यह पार्क पर्यटकों को इसके मैदानों में हुई कहानियों और घटनाओं में डूबने के लिए आमंत्रित करता है।
रेजीडेंसी पार्क एक सुरक्षित विरासत स्थल है, जो एक महत्वपूर्ण युग की स्मृति को संरक्षित करता है और भविष्य की पीढ़ियों को अतीत की सराहना करने और सीखने के लिए प्रेरित करता है।
आशा करता हूँ, रेजीडेंसी पार्क(Residency Lucknow History in Hindi) के इस संछिप्त इतिहास से जानकारी मिली होगी। अगर आप छोटा इमामबाड़ा लखनऊ के इतिहास को हिंदी में जानना चाहते है तो क्लिक करे ।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर|FAQ
ब्रिटिश रेजीडेंसी का क्या काम है?
यह एक ईमारत है जोकि ब्रिटिश सेना के वरिष्ठतम अधिकारी के निवास के लिए बनाई गई थी। ब्रिटिश रेजिडेंसी लखनऊ के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जिसमें कई इमारतें बनी हुई हैं।
नवाबों का शहर लखनऊ को क्यों कहा जाता है?
क्योंकि इस शहर पर कई बरसों तक नवाबों का शासनकाल रहा है और यह भी जाता है कि इस शहर के स्वरूप की स्थापना नवाब आसफ़ुद्दौला ने की थी।
ब्रिटिश रेजीडेंसी का क्या नाम था?
ब्रिटिश रेजीडेंसी का नाम द रेसीडेंसी था।