इस लेख के जरिये हम वृन्दावन में घूमने की जगहों (Vrindavan me ghumne ki jagah) के बारें में बात करेंगे। वृन्दावन में कई सुन्दर घाट व सरोवर उपस्थित हैं। जिन्हे देखकर आप श्री कृष्ण और राधा रानी की सुंदरता की कल्पना कर सकते हैं। साथ ही इस लेख मैंने वृन्दावन के प्रसिद्ध व्यंजन, वृन्दावन में रुकने की जगहों के बारें बताया है।
Table of Contents
- 1 कैसे पहुंचे
- 2 श्री वृंदाकुंड|Vrindavan me ghumne ki jagah
- 3 केसी घाटो|Vrindavan me ghumne ki jagah
- 4 बंसीवट|Vrindavan me ghumne ki jagah
- 5 निधिवन|Vrindavan me ghumne ki jagah
- 6 कुसुम सरोवर|Vrindavan me ghumne ki jagah
- 7 मानसरोवर|Vrindavan me ghumne ki jagah
- 8 कहाँ रुकें
- 9 कितना खर्चा लगेगा
- 10 प्रसिद्ध व्यंजन
- 11 निष्कर्ष
कैसे पहुंचे
वृन्दावन पहुँचने के लिए आप ट्रैन व बस का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा आप अपने प्राइवेट वाहन से भी जा सकते हैं। ट्रैन से आपको अयोध्या जंक्शन के टिकट लेना पड़ेगा जबकि बस आपको सिविल लाइन अयोध्या में उतारती है जहाँ से आप टैक्सी लेके टहल सकते हैं।
श्री वृंदाकुंड|Vrindavan me ghumne ki jagah
वृन्दा कुंड या श्री कुंड या गुप्त कुंड, देवी वृंदा का निवास स्थान माना जाता है। देवी वृंदा जो की माँ तुलसी का स्वरुप हैं। जोकि नंदग्राम के पास में स्थित एक प्रसिद्ध कुंड है। जहाँ पर देवी वृंदा, भगवान कृष्ण और राधा के मिलन की उचित व्यवस्था बनाती थी। वृन्दा कुंड में आपको हरे भरे पेड़, छोटे छोटे जल सागर और प्रसिद्ध मंदिर देखने को मिलते हैं। यहां का वातावरण वाकई काफी शांत और मनमोहक है। वर्तमान में वृंदा-कुंड के साथ-साथ यहां स्थित छोटे मंदिर, इस्कॉन भक्तों द्वारा प्रबंधित और ससोजित किए जा रहे हैं।
समय | सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक |
आरती | सुबह 4 बजे लेकिन दर्शन प्रारंभ 7 बजे से |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | नंद भवन, टेर कदम्ब |
पता | नंद भवन से 1.5 KM की दूरी पर, नंदगाँव, मथुरा, उत्तर प्रदेश 281121 |
केसी घाटो|Vrindavan me ghumne ki jagah
महापराक्रमी केशी दैत्य का वध इसी जगह पर श्री कृष्ण ने किया था इसीलिए इस स्थान को केशी घाट के नाम से जाता है।जो कि विशाल घोड़े का रूप धारण कर श्री कृष्ण का वध करने के लिए हिनहिनाता हुआ वहाँ आया था।
समय | सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक |
आरती | शाम 4 बजे से 6 बजे के मध्य |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | चीर घाट |
पता | चीर घाटके पास में केशी घाट, वृन्दावन,उत्तर प्रदेश 281121 |
बंसीवट|Vrindavan me ghumne ki jagah
बंसी वट को महारास स्थली के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर एक विशाल वट वृक्ष है जिसके निचे खड़े होकर कृष्ण जी ने बंशी बजायी थी। यहां पर श्री कृष्ण जी ने असंख्य गोपियों के साथ रास लीला की थी। यह स्थान काफी शांत और हरा भरा है। यहां पर आप बोटिंग का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।
समय | सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक – शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | प्राचीनतम यमुना मंदिर, बोटिंग |
पता | परिक्रमा मार्ग, केशी घाट, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश 281121 |
निधिवन|Vrindavan me ghumne ki jagah
निधिवन को उसकी कई रहस्यमय कारणों से जाना जाता है। कहा जाता है कि रात में हर दिन भगवान श्री कृष्ण, राधा और उनकी प्रिय गोपियों के साथ रास लीला करते हैं। इसी कारण जो भी यहाँ रात्रि में रहता है, वह या तो अंधा, बहरा, गूंगा हो जाता है या अपने संज्ञान को खो देता है क्योंकि वह भगवान श्री कृष्ण और उनके साथियों की दिव्य लीला को देख लिया होता है। माना जाता है कि आज भी निधिवन में भगवान श्री कृष्ण का दिव्य रूप व उनकी दिव्य आवाजें महसूस की जा सकती हैं।
समय | सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक। सूर्यास्त के बाद प्रवेश वर्जित |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | बांके बिहारी मंदिर, श्री राधा रामन मंदिर |
पता | निधिवन, वृंदावन, मथुरा,उत्तर प्रदेश, भारत |
कुसुम सरोवर|Vrindavan me ghumne ki jagah
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कुसुम सरोवर को भगवान श्री कृष्ण और राधा का मिलन स्थल माना जाता है। यह एक विशाल जल संगृह है जिसके आस पास बहुत सी सीढ़िया और चबूतरे बने हुए हैं इसके साथ साथ यहां पर कदम के पेड़ो के साथ में बहुत सारी हरियाली रहती है। माना जाता है भगवान श्री कृष्ण को कदम के वृक्ष बहुत लुभाते थे। अगर आप वृन्दावन जा रहे हैं या वृन्दावन में टहल रहे हैं तो आपको कुसुम सरोवर अवश्य जाना चाहिए। यहां पर आप कुसुम सरोवर में डुबकी लगाके यहां की आस पास की हरियाली का लुत्फ़ उठा पाएंगे।
समय | प्रतिदिन |
दिन | सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक |
आसपास | नारद कुंड, श्री राधा वन बिहारी मंदिर |
पता | कुसुम सरोवर, वृन्दावन ,उत्तर प्रदेश 281504 |
मानसरोवर|Vrindavan me ghumne ki jagah
भगवान श्री कृष्ण राधा रानी को मानते हुए कहते हैं सामरा-गरेला-धनदानाम-ममा शिरासि मंडनं देहि पढा-पल्लवं उदारम – आपके चरणों से दूरी के कारण मेरे हृदय की ज्वाला शांत नहीं हो रही, कृपया आप अपने कमल रुपी चरण मेरे सिर पर रखिये और मेरे मस्तक की शोभा बढ़ाइए”।
इसी पंक्ति से इस मान सरोवर का इतिहास जोड़ा जाता है – एक बार जब श्री कृष्ण और राधा रानी रास लीला कर रहे थे तो रासलीला के मध्य में राधा रानी उदास होकर या कहें रूठ कर यमुना नदी को पार कर एक जगह बैठकर श्री कृष्ण के वियोग में रोने लगी, तो वही उनके अश्रुओं से इस कुंड का निर्माण हुआ। जिसके तत्पश्चात श्री कृष्ण ने राधा रानी को ऊपर दी गयी पंक्तियों को कहते हुए मनाया और भविष्य में न रुलाने का आश्वासन भी दिया। इसीलिए यह स्थान नवविवाहित जोड़ों के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।
समय | सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक |
दिन | प्रतिदिन |
पता | राधा रानी मंदिर मान सरोवर, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश 281121 |
कहाँ रुकें
यहां आपको कई धर्मशालाएं सस्ते में मिल जाएगी। इसके साथ ही आपको प्राइवेट और शेयरिंग होटल भी कम दाम में मिल जाते हैं।
कितना खर्चा लगेगा
अगर सिर्फ वृन्दावन में घूमने की बात करें तो एक व्यक्ति कम से कम 2 से 5 हजार रूपये में वृन्दावन घूम सकता है।
प्रसिद्ध व्यंजन
वृन्दावन के स्वादिष्ट व्यंजनों में मख़्कन मिश्री, पेड़ा, ठंढाई और दही या रबड़ी के साथ जलेबी बहुत प्रसिद्ध हैं।
निष्कर्ष
इस लेख में मैंने आपको वृन्दावन में स्थित प्रसिद्ध सरोवर और घाट के बारे में बताया। इसके साथ ही मथुरा वृन्दावन कैसे पहुंचे, वहां रुकने की जगहों और प्रसिद्ध व्यंजनो के बारें में अवगत कराया। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा तो कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। राधे राधे.