वैसे तो भारत में 10 लाख से भी ज्यादा मंदिर हैं। उनमें से भारत के प्रसिद्ध मंदिरो और उनके स्थापक (Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak) का वर्णन इस लेख में किया गया गया है। इस लेख को मैंने भाग एक और भाग दो में लिखा है। जिसका यह भाग एक है।
भारत के मंदिर तीन शैलियों में विभाजित किये गए हैं।
नागर शैली इस शैली के मंदिर मुख्यतः उत्तर भारत में स्थापित मिलते हैं। जिनकी शिखा त्रिकोणीय होती है। | द्रविड़ शैली इस शैली के मंदिर मुख्यतः दक्षिण भारत में मिलते हैं। जिनकी शिखा कुछ छोटे आयताकार होती है। | बेसर शैली इस शैली के मंदिर, नागर और द्रविड़ शैली से मिले जुले रूप में देखने को मिलते हैं। |
Table of Contents
- 1 भारत के प्रसिद्ध मंदिर और उनके संस्थापक (Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak)
- 2 मामा – भांजा मंदिर छत्तीसगढ़
- 3 पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल
- 4 सबरीमाला मंदिर केरल | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 5 विरूपाक्ष मंदिर कर्नाटक
- 6 गोमतेश्वर मंदिर केरल
- 7 स्वर्ण मंदिर अमृतसर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 8 कामाख्या मंदिर
- 9 कोणार्क मंदिर उड़ीसा
- 10 लिंगराज मंदिर उड़ीसा | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 11 खजुराहो का मंदिर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 12 साँची का स्तूप | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 13 कंदरिया महादेव मंदिर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 14 दिलवाड़ा जैन मंदिर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 15 महाबोधि मंदिर बिहार | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 16 तिरुपति वेंकटश्वर मंदिर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 17 अढ़ाई दिन का झोपड़ा | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
- 18 FAQ
भारत के प्रसिद्ध मंदिर और उनके संस्थापक (Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak)
सदियों से मंदिर, भारतीय समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं या यूँ कहे की भारत की पहचान हैं। भारत के मंदिर स्थापत्य कला विभिन्न, वास्तुशिल्प शैली, कलात्मक भव्यता का ऐतिहासिक उदाहरण हैं। जिनकी प्रशंसा देश विदेश के महत्वपूर्ण और विशिष्ट महान विभूतियों के द्वारा की गयी है।
मामा – भांजा मंदिर छत्तीसगढ़
वैसे तो यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। लेकिन इसे मामा भांजा मंदिर कहा जाता है। कहा जाता है मामा और भांजा दो शिल्पकार थे जिन्हे यह मंदिर सिर्फ एक दिन में बनाने के लिए कहा गया था। और उन्होंने इस मंदिर को एक ही दिन में बना दिया था।
मामा भांजा मंदिर कहाँ स्थित है (mama bhanja mandir kahan hai) तो यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बारसूर में स्थित है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल
इस मंदिर के प्रमुख देवता भगवान विष्णु हैं। इस मंदिर के संस्थापक त्रावणकोर के महान राजा, मार्तंड वर्मा हैं। यह मंदिर, तिरुवनन्तपुरम या त्रिवेंद्रम भारत के केरल राज्य में स्थित है।
सबरीमाला मंदिर केरल | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
सबरीमाला मंदिर के प्रमुख देवता भगवान अयप्पन हैं। मान्यतानुसार जिसके शिल्पकार परशुराम माने जाते हैं।
कुछ साल पहले सबरीमाला मंदिर विवाद काफी चर्चित हुआ था क्योंकि पहले इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगी थी। जिसे चुनौती देने के लिए भारतीय युवा वकील संघ ने सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई के बाद में इस मंदिर में महिलाओं के रोक को हटा दिया गया।
यह मंदिर केरल के पतनमतिट्टा जिले के सबरीमाला गांव में स्थित है।
विरूपाक्ष मंदिर कर्नाटक
इस मंदिर का निर्माण द्रविड़ स्थापत्य शैली में हुआ है जो कि भगवान शिव को समर्पित है। विरूपाक्ष मंदिर कर्नाटक के संस्थापक कृष्णदेव राय हैं।
यह मंदिर केरल के विजयनगर जिले के हम्पी नगर में स्थित है।
गोमतेश्वर मंदिर केरल
गोमतेश्वर मंदिर केरल को बाहुबली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। गोमतेश्वर मंदिर प्रमुख रूप से भगवान बाहुबली की 17 मीटर ऊँची प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
गोमतेश्वर मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य में श्रवणबेलगोला नामक तीर्थ स्थल में है।
स्वर्ण मंदिर अमृतसर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
इस मंदिर की नींव लाहौर के साईं मियां मीर नाम के एक मुस्लिम सूफी संत ने रखी थी। भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर में बना यह स्वर्ण मंदिर सिखों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है।
चौथे सिख गुरु, गुरु राम दास ने इसकी नींव रखी थी और फिर पांचवे गुरु अर्जन देव ने इसकी स्थापना की थी।
कामाख्या मंदिर
कामाख्या मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है। जो की वर्तमान में तंत्र सिद्धि के लिए प्रसिद्ध है। कामाख्या मंदिर मंदिर के निर्माता म्लेच्छ वंश के राजा हैं। कामाख्या मंदिर में हर साल अंबुबाची मेले का आयोजन होता है।
कामाख्या मंदिर असम के नीलांचल पर्वत पर स्थित है।
कोणार्क मंदिर उड़ीसा
कोणार्क मंदिर सूर्य देव की पत्नी माया देवी के साथ नव ग्रहों अर्थात् : सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, जूपिटर, शुक्र, शनि, राहू और केतू को समर्पित मंदिर है। इसका निर्माण राजा नरसिंहदेव प्रथम ने किया था।
कोणार्क सूर्य मंदिर ओडिशा के पवित्र शहर पूरी के पास स्थित है।
लिंगराज मंदिर उड़ीसा | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
लिंगराज मंदिर, शिव को समर्पित एक मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजवंश के राजाओ द्वारा किया गया था। लिंगराज मंदिर ओडिशा के भुवनेश्वर जिले में स्थित सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है।
खजुराहो का मंदिर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
इस मंदिर परिसर में आठ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं, छह भगवान शिव को, और एक गणेश और सूर्य को जबकि तीन जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं। इस मंदिर का निर्माण चंदेल राजवंश ने किया था। खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।
साँची का स्तूप | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
सांची मुख्य रूप से स्तूपों और स्तंभों का एक परिसर है। यहां कई बौद्ध स्मारक हैं। मूलतः मौर्य सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में इसका निर्माण कराया था। भारत में प्रचलित कुछ मुद्राओं पर इसको चित्रित किया गया है।
कंदरिया महादेव मंदिर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर का कंदरिया नामांकरण, भगवान शिव के एक नाम कंदर्पी से प्रेरित है। कंदरिया महादेव मंदिर को चतुर्भुज मंदिर नाम से भी जाना जाता है।
कंदरिया महादेव मंदिर सेवाग्राम, खजुराहो मध्य प्रदेश में स्थित है।
दिलवाड़ा जैन मंदिर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
दिलवाड़ा जैन मंदिर में भीतर पांच मंदिर बने हैं इसीलिए इस मंदिर को पांच मंदिरो का समूह कहा जाता है। दिलवाड़ा जैन मंदिर 11वीं से 13वीं शताब्दी के दौरान चालुक्य राजाओ वास्तुपाल और तेजपाल नामक दो भाईयों द्वारा 1231 ई. में बनवाया गया था।
महाबोधि मंदिर बिहार | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
महाबोधि मंदिर एक बौद्ध विहार है जहाँ पर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुयी थी। तीसरी शताब्दी ई. पू. में सम्राट अशोक द्वारा निर्मित यह प्रथम मंदिर था। यह बौद्ध विहार बिहार राज्य के बोधगया में स्थित है।
तिरुपति वेंकटश्वर मंदिर | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
भगवान वेंकटेश्वर, भगवान विष्णु के एक रूप हैं जिन्हे यह मंदिर समर्पित है, भगवान वेंकटेश्वर के बारे में कहा जाता है कि वे मानव जाति को कलियुग की परीक्षाओं और परेशानियों से बचाने के लिए धरती पर अवतरित हुए थे।
तिरुपति वेंकटश्वर मंदिर, भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के तिरुपति जिले के पहाड़ी शहर तिरुमला में स्थित है।
अढ़ाई दिन का झोपड़ा | Bharat ke pramukh mandir aur unke sansthapak
यह एक प्रसिद्ध मस्जिद है जिसका निर्माण मात्र अढ़ाई दिन में किया गया था। इसी कारण से इसे अढ़ाई दिन का झोपड़ा कहते हैं। इसका निर्माण मोहम्मद गौरी के निर्देश पर मोहम्मद गौरी के गवर्नर क़ुतुब-उद-दीन-ऐबक ने वर्ष 1194 में कराया था। अढ़ाई दिन का झोपड़ा राजस्थान राज्य के अजमेर नगर में स्थित है।
FAQ
भारत के प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन से हैं ?
भारत के प्रसिद्ध मंदिर, केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड, सबरीमाला मंदिर,विरुपाक्ष मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड, वैष्णो देवी जम्मू, स्वर्ण मंदिर अमृतसर, खजुराहो का मंदिर,काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली, अमरनाथ, जम्मू कश्मीर, दिलवाड़ा मंदिर, महाबोधि मंदिर बोधगया आदि हैं।
भारत का सबसे पवित्र मंदिर कौन सा है?
कोंडलामणि श्री विष्णुमूर्ति मंदिर, तिरुपति मन्दिर शाकुंभरी देवी सबसे पवित्र माने जाते हैं।