इस लेख के जरिये हम आपको अयोध्या में घूमने की जगहों (ayodhya me ghumne ki jagah), प्रसिद्ध मंदिरों, पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं। इसके अलावा अयोध्या कैसे जाएं (ayodhya kaise jaye), अयोध्या कब जाना चाहिए (ayodhya kab jaye), अयोध्या जाने का सही समय(ayodhya jane ka sahi samay) और अयोध्या जाने में लगने वाला खर्च(ayodhya jane ka kharch) के बारें में बात करेंगे।
Table of Contents
- 1 अयोध्या के बारे में|Ayodhya ke bare mein
- 2 अयोध्या कैसे पहुँचे|Ayodhya kaise jaye
- 3 हनुमान गढ़ी अयोध्या|Hanuman garhi ayodhya in hindi
- 4 दशरथ भवन अयोध्या|Ayodhya me ghumne ki jagah
- 5 कनक भवन अयोध्या|Kanak bhawan ayodhya
- 6 श्री राम जन्मभूमि|Ayodhya Ke Prasidh Dharmik Sthal Ram Janma Bhoomi In Hindi
- 7 नागेश्वरनाथ मंदिर|Ayodhya nageshwar nath mandir
- 8 तुलसी स्मारक भवन संग्रहालय
- 9 राम की पैड़ी|Ayodhya me ghumne ki jagah
- 10 मणि पर्वत अयोध्या|Ayodhya me ghumne ki jagah mani parvat ayodhya
- 11 देवकाली मंदिर|Ayodhya ke darshaniya sthal devkali mandir ayodhya
- 12 बिरला मंदिर अयोध्या|Ayodhya ke darshaniya sthal birla mandir ayodhya
- 13 गुलाब बाग़ या गुलाब बाड़ी|Ayodhya me ghumne ki jagah
- 14 मोती महल अयोध्या|Ayodhya me ghumne ki jagah moti mahal ayodhya
- 15 सूर्यकुंड|Ayodhya me ghumne ki jagah suryakund ayodhya
- 16 अयोध्या के लोकप्रिय भोजन| Ayodhya famous food
- 17 अयोध्या घूमने में घूमने का खर्च|Ayodhya jane ka kharch
- 18 अयोध्या घूमने का सबसे अच्छा समय|Ayodhya jane ka sahi samay
- 19 अयोध्या में कहाँ रुके|Ayodhya me rukne ki jagah
- 20 कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर|FAQ
- 21 निष्कर्ष
अयोध्या के बारे में|Ayodhya ke bare mein
अयोध्या, उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध पौराणिक व् धार्मिक नगर है। जिसका इतिहास हजारों वर्षों से लोगों के दिलों और इतिहास के पन्नो में बसा हुआ है। इसे हिन्दू धर्म के प्रमुख पुरातन स्थलों में से एक माना जाता है, क्योंकि यहां पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था।
अयोध्या कैसे पहुँचे|Ayodhya kaise jaye
आप अयोध्या तीनों माध्यमों से जा सकते हैं रोड द्वारा, ट्रैन द्वारा और हवाई यात्रा द्वारा। जिसके नजदीकी शहर वाराणसी,प्रयागराज, लखनऊ और गोरखपुर हैं।
रोड या बस द्वारा|Ayodhya by road or bus
भारत और उत्तर प्रदेश सरक़ार द्वारा प्रदेश के कई शहरों से अयोध्या तक के लिए बस सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा आप अयोध्या तक वोल्वो बस से भी जा सकते हैं। अगर बात करे रोड की तो अयोध्या और लखनऊ को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे सड़क जोड़ती है।
ट्रैन द्वारा|Ayodhya by train
अयोध्या पहुँचने के लिए आपको अयोध्या जंक्शन का टिकट करना पड़ेगा। अयोध्या जंकशन के लिए मोस्टली हर ट्रैन स्टेशन से ट्रैन मिल जाएगी। अगर आपको अयोध्या जंक्शन का डायरेक्ट टिकट नहीं मिलता है तो आप फैज़ाबाद जंकशन का भी टिकट ले सकते हैं। जो की अयोध्या से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है।
हवाई यात्रा द्वारा| Ayodhya by plane
अयोध्या में अभी एयरोप्लेन की सुविधा उपलब्ध नहीं है क्योंकि यहां का हवाई अड्डा अभी बनाया जा रहा है जो कि जल्द ही यात्रा के लिए उपलब्ध हो जायेगा। इसके अलावा आप नजदीकी एयरपोर्ट लखनऊ एयरपोर्ट से अयोध्या पहुँच सकते हैं। जो की अयोध्या से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां से आप बस, ट्रैन या पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिये अयोध्या आसानी से पहुँच सकते हैं।
हनुमान गढ़ी अयोध्या|Hanuman garhi ayodhya in hindi
माना जाता है श्री राम नगरी अयोध्या घूमने से पहले आपको हनुमान जी से आज्ञा लेनी पड़ती है जिसके बाद आपकी अयोध्या यात्रा और ज्यादा सफल होती है। हनुमान गढ़ी देश में स्थित हनुमान मंदिरों में से मुख्य है वह इसलिए क्योंकि भगवान श्री राम ने हनुमान जी को यह भूमि अयोध्या नगरी की रक्षा करने के लिए दी थी। हनुमान गढ़ी में 76 सीढ़ियाँ बनी हुई जिसे चढ़कर श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन पाते हैं। यहां भगवान श्री राम की 6 इंच की मनोरम मूर्ति के साथ भगवान हनुमान जी की बहुत सुंदर प्रतिमा स्थापित है जिसमें अंजनी माँ हनुमान जी को गोद लिए हुए हैं। यहां से आप धार्मिकता के साथ-साथ आसपास के पहाड़ों का नज़ारा भी देख सकते हैं।
समय | गर्मियों में सुबह 7.30 से 11.30 बजे तक – शाम 4.30 बजे से रात 09.30 बजे तक ठंडी में सुबह 9 से 11 बजे तक – शाम 4.30 बजे से रात 09 बजे तक |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | अयोध्या जंक्शन, दशरथ भवन, कनक भवन |
पता | साई नगर, अयोध्या, उत्तर प्रदेश 224123 |
दशरथ भवन अयोध्या|Ayodhya me ghumne ki jagah
दशरथ भवन हनुमान गढ़ी के पास स्थित भगवान श्री राम जी के पिता दशरथ जी का आवास महल है। जहां पर श्री राम बचपन में अपने भाईयों के साथ रहा करते थे। जिसे चक्रवर्ती महराज दशरथ जी का राजमहल के नाम जाना जाता है। यह वाकई देखने में सुन्दर और बहुत ही आकर्षक है। यहां का भक्ति वातावरण आपके मन को बहुत सुख और शांति प्रदान करता है।
कनक भवन अयोध्या|Kanak bhawan ayodhya
कनक भवन को माता कैकयी ने भगवान राम से विवाह के तुरंत बाद माता सीता को मुँह दिखाई (उपहार) के रूप में दिया था। जो की सोने का महल भी कहा जाता है। यह अयोध्या में रामजन्म भूमि के निकट रामकोट के पास स्थित है। यह भवन अयोध्या के सबसे बेहतरीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जिसे आपको अवश्य देखना चाहिए। कनक भवन देवी सीता और भगवान श्री राम का निजी महल है। जिसके गर्भगृह में भगवान श्री राम और देवी सीता जी मुख्य मूर्तियाँ स्थापित हैं। इस महल में हनुमान जी की एक छोटी सी प्यारी मूर्ति है जिससे कहा जाता है हनुमान जी जब भी सीता माता से भेंट करते थे तो वो इसी तरह छोटे होकर उनसे मिलते थे। जो की बहुत ही सुन्दर और मनोरम प्रतीत होता है।
श्री राम जन्मभूमि|Ayodhya Ke Prasidh Dharmik Sthal Ram Janma Bhoomi In Hindi
श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में सबसे पवित्र स्थलों में से एक है। रामजन्म भूमि वह स्थान है जहां पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का जन्म हुआ था। यह प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है, लेकिन यहां पर कोई भी इलेक्ट्रिक डिवाइस ले जाना और फोटोग्राफी करना प्रतिबंधित है। यह विशाल और ऐतिहासिक मंदिर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 70 एकड़ में अभी बनवाया जा रहा है। जिसमें 2.7 एकड़ में श्री राम जन्मभूमि के साथ अन्य कई पौराणिक स्थल बनवाये जा रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा यह मंदिर जल्दी ही भक्तों के लिए उपलब्ध हो जायेगा।
मंदिर दर्शन | सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक – दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक। |
जागरण आरती | सुबह 6:30 बजे। आरती में भाग लेने के लिए एक दिन पहले आपको बुकिंग करनी होती है। |
संध्या आरती | शाम 7:30 बजे। उसी दिन बुकिंग करानी पड़ती जिसके लिए आपके पास में वैलिड पास या आईडी कार्ड होना चाहिए। |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | श्री रामेश्वर महादेव मंदिर |
पता | कारसेवकपुरम, अयोध्या, उत्तर प्रदेश 224123 |
नागेश्वरनाथ मंदिर|Ayodhya nageshwar nath mandir
कहा जाता है कि भगवान राम के पुत्र कुश ने नागेश्वर नाथ मंदिर को बनवाया था। पुराणों में लिखित है कि जब कुश सरयू नदी में स्नान कर रहे थें, तो उनका बाजूबंद(हाथ में पहनने वाला कड़ा) खो गया था। जो कि एक नाग कन्या को मिला और उसे कुश से प्रेम हो गया। वह कन्या शिवभक्त थी। जिसके लिए कुश ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। कहा जाता है कि नागेश्वर नाथ मंदिर ही विक्रमादित्य के काल में सुरक्षित रहा, जबकि बाकी पूरा शहर खंडहर में तब्दील हो चुका था। शिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में यहां बहुत भीड़ उमड़ती और खूब धूमधाम से मनाया जाता है।
समय | सुबह 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक। आरती सुबह 5 बजे से 6 बजे तक/रात में 8 बजे से 8:30 बजे तक |
दिन | प्रतिदिन |
खास दिन | नागपंचमी और महाशिवरात्रि |
आसपास | राम की पैड़ी |
पता | नियर राम की पैड़ी, स्वर्गद्वार, थेरी बाजार, अयोध्या, उत्तर प्रदेश 224123 |
तुलसी स्मारक भवन संग्रहालय
तुलसी स्मारक भवन का निर्माण वर्ष 1969 में, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री विश्वनाथ दास द्वारा करवाया गया था यहां पर संत कवि- गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति स्थापित की गयी है। इसके अलावा यहां विशाल पुस्तकालय और आकर्षक संग्रहालय है। यहां एक अनुसंधान केंद्र भी है जिसको ‘अयोध्या का शोध संस्थान’ कहा जाता है। इस अनुसंधान केंद्र में अयोध्या की साहित्यिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जानकारी प्रदान की जाती है। यहां पर आपको श्री राम और जीवन से संबधित तथ्यों और पुस्तकों का संग्रह मिलता है। यहां पर हर दिन प्रार्थना, भक्ति गीत और धार्मिक उपदेश चलते हैं जिन्हे सुनकर आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
समय | सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक। |
रामलीला | शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक। |
पुस्तकालय | सुबह 10:30 बजे से शाम 4 :30 बजे तक। |
ऑफिस | सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक। |
दिन | सोमवार और हर महीने के दूसरे शनिवार को बंद रहता है। |
पता | तुलसी स्मारक भवन, नई कॉलोनी, अयोध्या, उत्तर प्रदेश 224123 |
राम की पैड़ी|Ayodhya me ghumne ki jagah
सरयू नदी के किनारे स्थित यह एक पवित्र घाट है। पूर्णिमा के दिन यहां की सुन्दरता देखते ही बनती है। श्रधालुओं में ऐसी मान्यता है कि यहाँ स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। राम की पैड़ी पर भीषण गर्मी में सरकार के निर्देश पर लगातार पंप चलाया जाता है। आज राम की पैड़ी अयोध्या की सबसे लोकप्रिय जगह बन गयी है। यहां पर दीपावली के लाखों संख्या में दीप जलाये जाते हैं। यहां जलाये गए लाखों दीप का रिकॉर्ड ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ रिकार्ड्स’ में दर्ज किया गया है।
मणि पर्वत अयोध्या|Ayodhya me ghumne ki jagah mani parvat ayodhya
मणि पर्वत से आप अयोध्या का सुंदर दृश्य व् अयोध्या में बने कईं ऐतिहासिक स्थल का नजारा ले सकते हैं। यह अयोध्या में सबसे ऊँचा स्थान माना जाता है। मणि पर्वत के बारे में कहा जाता है कि ‘हनुमान जी लक्ष्मण के लिए जड़ी बूटी ले जाते समय अयोध्या से गुजर रहे थे, तब प्रभु श्री राम के भाई भरत ने उनके नगर अयोध्या में होने वाले हमले की चिंता की। उन्होंने हनुमान जी पर तीर चलाया, जिससे हनुमान जी घायल हो गए। इसके परिणामस्वरूप, हनुमान जी के हाथों से पर्वत का एक टुकड़ा गिरा, जिसे मणि पर्वत के नाम से जाना जाने लगा।’
समय | सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक। |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | अयोध्या जंक्शन (3 किलोमीटर) |
पता | कमीगंज, अयोध्या, उत्तर प्रदेश 224123 |
देवकाली मंदिर|Ayodhya ke darshaniya sthal devkali mandir ayodhya
रामायण महाकाव्य से प्राप्त जानकारी के अनुसार कहा जाता है कि ‘माता सीता ने देवी गिरिजा की सुंदर मूर्ति के साथ अयोध्या आवागमन किया। महाराज दशरथ ने एक श्रेष्ठ मंदिर बनवाया और वहां पर उन्होंने उसी मूर्ति की स्थापना की, जिसे माता सीता देवी दिन-प्रतिदिन पूजती थी। आज भी माता देवकाली की श्रेष्ठ मूर्ति उसी स्थान पर प्रतिष्ठित है।’
समय | सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक। |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | श्री राम महल वैदेही भवन- होटल |
पता | देवकली मंदिर, धर्मकांटा, अयोध्या, उत्तर प्रदेश 224123 |
बिरला मंदिर अयोध्या|Ayodhya ke darshaniya sthal birla mandir ayodhya
बिरला मंदिर भगवान श्री राम तथा देवी सीता को समर्पित नव निर्मित मंदिर है। अयोध्या में फैजाबाद मार्ग पर स्थित यह मंदिर अयोध्या बस स्टॉप के सामने स्थित है। इस मंदिर के दर्शन आपको अवश्य करने चाहिए यहां का वातावरण वाकई में आपके मन को भक्ति में लीन होने के लिए मजबूर कर देगा।
समय | सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक। |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | रमरमा पेड़ (राम वृक्ष),अयोध्या |
पता | आशापुर, दर्शन नगर रोड, कनीगंज, अयोध्या, उत्तर प्रदेश 224123 |
गुलाब बाग़ या गुलाब बाड़ी|Ayodhya me ghumne ki jagah
“गुलाब बाग़” का मकबरा, जिसका अर्थ होता है ‘गुलाबों का बगीचा’, यह एक रोमांचक और रहस्यपूर्ण स्थान है जो फैजाबाद में स्थित है। इस सुंदर बगीचे में विभिन्न प्रजातियों के गुलाबों से सजीव फौवारों से घिरी खूबसूरत बागीचा आपको देखने के लिए मिलता है। यहाँ पर अवध के तीसरे नवाब, शुजा-उद-दौला की एक शानदार कब्र भी है। इस स्मारक की विशेषता उसके चारबाग़ शैली में है, जिसमें मकबरा को केंद्र में स्थान दिया गया है और इसके चारों ओर फ़ौवारे और पानी की नहरें विशाल गुलाबी आकृतियां देखते ही बनती हैं।
गुलाब बाड़ी ऐतिहासिक स्मारक होने के साथ-साथ एक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रखता है। स्थानीय लोग इसे पवित्र स्थल के रूप में पूजते हैं और मान्यता है कि यहाँ से एक सुरंग लखनऊ के पोखर तक जाती थी, जिसे नवाब ने छुपने के लिए उपयोग किया था। इस रहस्यमयी स्थल की कहानी न केवल उसकी शानदारी में बसी है, बल्कि उसके पीछे छिपे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संदेशों का भी महत्व रखती है।
समय | सुबह 5 बजे से 10 बजे तक – शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक |
दिन | प्रतिदिन |
आसपास | चौक घंटाघर, अयोध्या |
पता | वैदेही नगर, फैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश 224001 |
मोती महल अयोध्या|Ayodhya me ghumne ki jagah moti mahal ayodhya
इस महल को ‘पर्ल पैलेस’ के नाम से भी जाना जाता है। जो अयोध्या में बने ऐतिहासिक स्मारकों में से एक लोकप्रिय महल है। मोती महल अयोध्या शहर के फैजाबाद में स्थित है। जो की अयोध्या से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। यह महल मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन स्मारक माना जाता है। मोती महल का निर्माण वर्ष 1743 ई. में हुआ था। यह महल शुजा-उद-दौला की पत्नी रानी बेगम उन्मतुजोहरा बानू का निवास स्थान था।
समय | सोमवार से शुक्रवार दोपहर 12:00 बजे से रात 11:00 बजे तक। रविवार शाम 5:00 बजे से रात 11:00 बजे तक। |
दिन | शनिवार को बंद रहता है। |
आसपास | इमामबाड़ा अयोध्या |
पता | गुदरी बाजार, अयोध्या(फैज़ाबाद), उत्तर प्रदेश 224001 |
सूर्यकुंड|Ayodhya me ghumne ki jagah suryakund ayodhya
सूर्यकुंड रामनगरी से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दर्शन नगर में है। सूर्य कुंड की मान्यता है कि जब भगवान श्री राम का राजतिलक हो रहा था, तब उस समय ब्रम्हांड के सारे देवता अयोध्या आए थे और उनमें सूर्य देवता भी शामिल थे। सूर्य देवता दर्शन नगर के पास रुके थे, जिसको आज सूर्य कुंड या सूरजकुंड के नाम से जाना जाता है और वहां पर सूर्य देवता का एक प्राचीन मंदिर भी है. सूर्य कुंड के मंदिर को दुबारा से बनवाया जा रहा है जिसमें पुरानी पद्धति यानी कि चूना और गुड़ का उपयोग किया जा रहा है। सूर्यकुंड को एक लाइट और साउंड शो के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। लोगों का ऐसा मानना है कि इस कुंड में स्नान करने से हर प्रकार के चर्म रोग से निजात मिल जाती है।
अयोध्या के लोकप्रिय भोजन| Ayodhya famous food
अयोध्या में बहुत सारे लोकप्रिय व्यंजन हैं जैसे – दही वड़ा, कचोरी, लड्डू, रबड़ी, चाट, वेज बिरयानी, पानी पुरी, भेलपुरी आदि से लेकर दक्षिण भारत के विभिन्न स्ट्रीट फूड फैमस है। अयोध्या एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जिसके कारण यहां पर देश-विदेश से लोग आते हैं। इसी कारण से यहां आपको भारत के विभिन्न राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजन खाने को मिल जाते हैं।
अयोध्या घूमने में घूमने का खर्च|Ayodhya jane ka kharch
श्री रामनगरी अयोध्या वैसे अन्य शहरों के मुकाबले काफी सस्ती है। अयोध्या घूमने के लिए आपके पास लगभग 2000 से 2500 रूपये प्रति व्यक्ति होने चाहिए। जिसमें आप अयोध्या में एक रात ठहर सकते हैं। और बाकी आप पर निर्भर करता है।
अयोध्या घूमने का सबसे अच्छा समय|Ayodhya jane ka sahi samay
श्री रामनगरी अयोध्या वैसे अन्य शहरों के मुकाबले काफी सस्ता शहर है। अयोध्या घूमने के लिए आपके पास न्यूनतम 2000 से 2500 रूपये प्रति व्यक्ति होने चाहिए। जिसमें आप अयोध्या में 2 दिन ठहर व घूम सकते हैं। और बाकी आप पर निर्भर करता है।
अयोध्या में कहाँ रुके|Ayodhya me rukne ki jagah
उत्तर प्रदेश के नगर अयोध्या में पर्यटकों को लो बजट से हाई बजट तक की काफी सुविधाएं मिल जाती हैं। यदि आप अयोध्या के होटलों में ठहरना चाहते हैं तो वंहा पर आपको एक से एक होटल मिल जाएंगे, जिनका प्रतिदिन का न्यूनतम चार्ज 500 से ₹800 पड़ सकता है। इसके अलावा अयोध्या में कई सारे धर्मशाला भी हैं, जहां पर आपको एसी और नॉन एसी कमरे मिल जाते हैं। अयोध्या के कुछ प्रसिद्ध होटल व् धर्मशालाएं – साकेत होटल, अवंतिका होटल, कृष्णा पैलेस, बिरला धर्मशाला,जैन धर्मशाला और राम श्याम धर्मशाला आदि कई ठहरने के अच्छे स्थान हैं।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर|FAQ
भगवान राम के वंशज कौन है?
भगवान श्री राम के वंशज शाक्य वंश के लोग माने जाते हैं। यह माना जाता है कि वर्तमान के मौर्या, शाक्य, कुशवाहा, सिसोदिया वंश आदि जो भी राजपूत वंश है, वे सब भगवान श्री राम के वंशज हैं।
राम ने 14 साल कहां बिताए थे?
श्री राम, पत्नी सीता और भाई, लक्ष्मण के साथ 14 साल के लिए अयोध्या के राज्य से निर्वासित होने के बाद, उन्होंने चित्रकूट के जंगलों में गए, जहाँ उन्होंने 12 साल उन खूबसूरत जंगलों में बिताए।
अयोध्या में कितने मंदिर हैं?
अयोध्या में बहुत सारे मठ व् मंदिर हैं जिनको मिलाकर कहा जा सकता है यहां लगभग 8000 मठ व् मंदिर हैं।
अयोध्या में कितने तहसील हैं?
उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या जिले में कुल 5 तहसील हैं।
लखनऊ से अयोध्या कितने किलोमीटर है?
लखनऊ से अयोध्या लगभग 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने, आपको, अयोध्या के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों और अयोध्या में घूमने की जगहों (Ayodhya m e ghumne ki Jagah) के बारे में बताया। साथ अयोध्या यात्रा से जुड़ी आवश्यक बातों के बारे में जानकारी दी।
आशा करता हूँ, आज का यह लेख आपको अयोध्या की यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगा। अगर लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट में लिखकर अवश्य बताएं। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
धन्यवाद